DOHA 36

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।

हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले जाय।

MEANING

कबीर दास जी कहते हैं कि रात को सोते हुए गँवा दिया और दिन खाते खाते गँवा दिया। आपको जो ये अनमोल जीवन मिला है वो कोड़ियों में बदला जा रहा है।