DOHA 140

तू कहता कागद की लेखी मैं कहता आँखिन की देखी।

मैं कहता सुरझावन हारि, तू राख्यौ उरझाई रे।

MEANING

तुम कागज़ पर लिखी बात को सत्य कहते हो - तुम्हारे लिए वह सत्य है जो कागज़ पर लिखा है। किन्तु मैं आंखों देखा सच ही कहता और लिखता हूँ। कबीर पढे-लिखे नहीं थे पर उनकी बातों में सचाई थी। मैं सरलता से हर बात को सुलझाना चाहता हूँ - तुम उसे उलझा कर क्यों रख देते हो? जितने सरल बनोगे - उलझन से उतने ही दूर हो पाओगे।