DOHA 123

करता था तो क्यूं रहया, जब करि क्यूं पछिताय।

बोये पेड़ बबूल का, अम्ब कहाँ ते खाय।

MEANING

यदि तू अपने को कर्ता समझता था तो चुप क्यों बैठा रहा? और अब कर्म करके पश्चात्ताप क्यों करता है? पेड़ तो बबूल का लगाया है - फिर आम खाने को कहाँ से मिलें ?