DOHA 95

कबीर थोड़ा जीवना, मांड़े बहुत मंड़ाण।

कबीर थोड़ा जीवना, मांड़े बहुत मंड़ाण।

MEANING

बादल पत्थर के ऊपर झिरमिर करके बरसने लगे। इससे मिट्टी तो भीग कर सजल हो गई किन्तु पत्थर वैसा का वैसा बना रहा। मेरा भारत महान पर निबंध यहाँ पढ़ें!