DOHA 89
आछे / पाछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत।
अब पछताए होत क्या, चिडिया चुग गई खेत।
MEANING
देखते ही देखते अच्छा समय बीतता चला गया, समय बीत जाने पर पछताने से क्या मिलेगा? पहले जागरूक न थे - ठीक उसी तरह जैसे कोई किसान अपने खेत की रखवाली ही न करे और देखते ही देखते पंछी उसकी फसल बर्बाद कर जाएं।