DOHA 221

कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस।

ना जाने कहाँ मारिसी, कै घर कै परदेस।

MEANING

कबीर कहते हैं कि हे मानव! तू क्या गर्व करता है? काल अपने हाथों में तेरे केश पकड़े हुए है। मालूम नहीं, वह घर या परदेश में, कहाँ पर तुझे मार डाले।