DOHA 220

जब गुण को गाहक मिले, तब गुण लाख बिकाई।

जब गुण को गाहक नहीं, तब कौड़ी बदले जाई।

MEANING

कबीर कहते हैं कि जब गुण को परखने वाला गाहक मिल जाता है तो गुण की कीमत होती है। पर जब ऐसा गाहक नहीं मिलता, तब गुण कौड़ी के भाव चला जाता है।