DOHA 198

कबीर सो धन संचे, जो आगे को होय।

सीस चढ़ाए पोटली, ले जात न देख्यो कोय।

MEANING

कबीर कहते हैं कि उस धन को इकट्ठा करो जो भविष्य में काम आए। सर पर धन की गठरी बाँध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।