जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय
यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोय।
कबीर दास जी कहते है अगर हमारा मन शीतल है तो इस संसार में हमारा कोई बैरी नहीं हो सकता। अगर अहंकार छोड़ दें तो हर कोई हम पर दया करने को तैयार हो जाता है।