DOHA 152

गाँठी होय सो हाथ कर, हाथ होय सो देह।

आगे हाट न बानिया, लेना होय सो लेह।

MEANING

जो गाँठ में बाँध रखा है, उसे हाथ में ला, और जो हाथ में हो उसे परोपकार में लगा। नर-शरीर के पश्चात् इतर खानियों में बाजार-व्यापारी कोई नहीं है, लेना हो सो यही ले-लो।