DOHA 151

ऐसी बानी बोलिये, मन का आपा खोय।

औरन को शीतल करै, आपौ शीतल होय।

MEANING

मन के अहंकार को मिटाकर, ऐसे मीठे और नम्र वचन बोलो, जिससे दुसरे लोग सुखी हों और स्वयं भी सुखी हो।