DOHA 134
कबीर संगति साध की , कड़े न निर्फल होई।
चन्दन होसी बावना , नीब न कहसी कोई।
MEANING
कबीर कहते हैं कि साधु की संगति कभी निष्फल नहीं होती। चन्दन का वृक्ष यदि छोटा - वामन - बौना भी होगा तो भी उसे कोई नीम का वृक्ष नहीं कहेगा। वह सुवासित ही रहेगा और अपने परिवेश को सुगंध ही देगा। आपने आस-पास को खुशबू से ही भरेगा