जो घट प्रेम न संचारे, जो घट जान सामान।
जैसे खाल लुहार की, सांस लेत बिनु प्राण।
जिस इंसान अंदर दूसरों के प्रति प्रेम की भावना नहीं है वो इंसान पशु के समान है।