DOHA 7

ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग।

तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग।

MEANING

कबीर दास जी कहते हैं जैसे तिल के अंदर तेल होता है, और आग के अंदर रौशनी होती है ठीक वैसे ही हमारा ईश्वर हमारे अंदर ही विद्धमान है, अगर ढूंढ सको तो ढूढ लो।