कुटिल वचन सबसे बुरा, जा से होत न चार।
साधू वचन जल रूप है, बरसे अमृत धार।
कबीर दास जी कहते हैं कि कड़वे बोल बोलना सबसे बुरा काम है, कड़वे बोल से किसी बात का समाधान नहीं होता। वहीँ सज्जन विचार और बोल अमृत के समान हैं।