DOHA 28

राम बुलावा भेजिया, दिया कबीरा रोय।

जो सुख साधू संग में, सो बैकुंठ न होय।

MEANING

जब मृत्यु का समय नजदीक आया और राम के दूतों का बुलावा आया तो कबीर दास जी रो पड़े क्यूंकि जो आनंद संत और सज्जनों की संगति में है उतना आनंद तो स्वर्ग में भी नहीं होगा।