DOHA 236

प्रेम न बाडी उपजे प्रेम न हाट बिकाई।

राजा परजा जेहि रुचे सीस देहि ले जाई।

MEANING

प्रेम खेत में नहीं उपजता प्रेम बाज़ार में नहीं बिकता चाहे कोई राजा हो या साधारण प्रजा - यदि प्यार पाना चाहते हैं तो वह आत्म बलिदान से ही मिलेगा। त्याग और बलिदान के बिना प्रेम को नहीं पाया जा सकता। प्रेम गहन- सघन भावना है - खरीदी बेचे जाने वाली वस्तु नहीं!