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DOHA 189
रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।
हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले जाय।
MEANING
रात नींद में नष्ट कर दी - सोते रहे - दिन में भोजन से फुर्सत नहीं मिली यह मनुष्य जन्म हीरे के सामान बहुमूल्य था जिसे तुमने व्यर्थ कर दिया - कुछ सार्थक किया नहीं तो जीवन का क्या मूल्य बचा? एक कौड़ी