DOHA 183

कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।

जो पर पीर न जानही, सो का पीर में पीर।

MEANING

जो इंसान दूसरों की पीड़ा को समझता है वही सच्चा इंसान है। जो दूसरों के कष्ट को ही नहीं समझ पाता, ऐसा इंसान भला किस काम का!