DOHA 177

संत ना छाडै संतई, कोटिक मिले असंत।

चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटत रहत भुजंग।

MEANING

सच्चा इंसान वही है जो अपनी सज्जनता कभी नहीं छोड़ता, चाहे कितने ही बुरे लोग उसे क्यों न मिलें, बिलकुल वैसे ही जैसे हज़ारों ज़हरीले सांप चन्दन के पेड़ से लिपटे रहने के बावजूद चन्दन कभी भी विषैला नहीं होता।