DOHA 161

गारी ही से उपजै, कलह कष्ट औ मीच।

हारि चले सो सन्त है, लागि मरै सो नीच।

MEANING

गाली से झगड़ा सन्ताप एवं मरने मारने तक की बात आ जाती है। इससे अपनी हार मानकर जो विरक्त हो चलता है, वह सन्त है, और गाली गलौच एवं झगड़े में जो व्यक्ति मरता है, वह नीच है।