DOHA 126

कबीर सो धन संचिए जो आगे कूं होइ।

सीस चढ़ाए पोटली, ले जात न देख्या कोइ।

MEANING

कबीर कहते हैं कि उस धन को इकट्ठा करो जो भविष्य में काम दे। सर पर धन की गठरी बांधकर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।