DOHA 112

जांमण मरण बिचारि करि कूड़े काम निबारि।

जिनि पंथूं तुझ चालणा सोई पंथ संवारि।

MEANING

जन्म और मरण का विचार करके , बुरे कर्मों को छोड़ दे। जिस मार्ग पर तुझे चलना है उसी मार्ग का स्मरण कर - उसे ही याद रख - उसे ही संवार सुन्दर बना।